शनिवार, 24 फ़रवरी 2018

जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होते हैं।

इस लेख में स्वामी विवेकानंद जी का एक ऐसी घटना शेयर की गयी है जिसको पढ़ने के बाद आपको विश्वास हो जायेगा की जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होते हैं। एक बार स्वामी विवेकानंद ट्रेन की यात्रा कर रहे थे। उस दिन उनके पास खाने के लिए भोजन नहीं था। उनको भगवान पर पूरा विश्वास था की वो अपने भक्तों को कभी भी भूखा नहीं रखते हैं , बस आपको भगवान पर पूरा विश्वास होना चाहिए। जब वह स्टेशन पर उतरे तो वहां एक व्यक्ति भोजन लेकर उनका इन्तजार कर रहा था। उसने स्वामीजी से पूछा , " क्या आप ही स्वामी विवेकानंद हैं  ? "
स्वामीजी ने कहा , " हां मैं ही हूँ , क्या बात है। "
तब उस व्यक्ति ने स्वामीजी से कहा कि रात को जब मैं सोया था तभी प्रभु मेरे स्वप्न में आये और बोल रहे थे की मेरा भक्त स्वामी विवेकानंद बहुत भूखा है , इसलिए तुम उसे भोजन ले जाकर प्रेमपूर्वक खिला दो। वह गेरुआ रंग का वस्त्र पहना है और सर पर पगड़ी बांधे हुआ है। इसलिए मैं आपके लिए भोजन लाया हूँ आप इसे ग्रहण करें। उस व्यक्ति की बातों को सुनकर स्वामीजी के आँखों में आंसू आ गए। स्वामीजी ने ईश्वर को धन्यवाद किये और मन ही मन कहे हे प्रभु आप अपने भक्तों को कभी भी भूखा नहीं रखते है और जिसका कोई नहीं होता उसका आप होते हैं। 
अगर आप इस बात को स्वीकार करके की जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होते हैं , अपना कार्य ईमानदारी और पूरी मेहनत के साथ करेंगे तो एक न एक दिन आप आसमान की बुलंदियों को छुएंगे। 
                                                                                                                                     धन्यवाद.........

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