आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं जब उनके ऊपर मुसीबत आती है तभी वो
दुनिया भर का सोचने लगते हैं , क्या करूँ , कैसे करूँ , काश मैं ये कार्य कर लिया होता आदि । ये सब करने में वो अपनी पूरी एनर्जी लगा देंगे और उनको कुछ न कुछ उपाय भी मिल जाता है मुसीबत से निकलने के लिये लेकिन जब उनकी स्थिति सुधर कर नार्मल हो जाती है तब वो फिर बेफिक्र हो जाते हैं । कुछ समय बाद फिर उनके ऊपर मुसीबत आती है तो वहीं पुराने वाला सिलसिला शुरू हो जाता है क्या करूँ, कैसे करूँ , काश मैं ये कार्य कर लिया होता आदि ।अगर आप लोग चाहते हैं कि आपके ऊपर कभी भी कोई बड़ी मुसीबत न आए और आए भी तो आप उसे आसानी से सुलझा लें तो आपको कभी भी संतुष्ट नहीं होना है ।
हमेशा खुश रहना है लेकिन कभी भी संतुष्ट नहीं होना है क्योंकि खुशी आपको एनर्जी देगी और और असंतुष्टि आपको मुसीबत से निकलने का उपाय ।
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