मैं अपने काम को रफ्तार करता हूँ,
हद से भी ज्यादा इसे प्यार करता हूँ ,
कभी - कभी मन मेरा करता नहीं,
फिर भी इसे बार - बार करता हूँ ।
जो भी मन का दास होता है,
वो ही हमेशा उदास होता है,
मन का कभी भी सुनना नहीं,
जो सुनता हमेशा निराश होता है ।
जो अपने लक्ष्य को बदलता है,
कभी जीवन में सफल नहीं बनता है,
जो अपने लक्ष्य को बदलता नहीं,
उसे झुकाने वाला कोई मिलता नहीं ।
मैं अपने काम का विचार करता हूँ,
हद से भी ज्यादा लगाव रखता हूँ,
कभी - कभी मन मेरा करता नहीं,
फिर भी इसे लगातार करता हूँ ।
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