कोई भी व्यक्ति हर कार्य को अकेले नहीं कर सकता , चाहे वह अमीर हो या गरीब , ताकतवर हो या कमजोर , बुद्धिमान हो या मुर्ख। हर व्यक्ति को कभी न कभी किसी का सहारा लेना पड़ता है। मुसीबत के समय किसी व्यक्ति को हजारों लोग सहायता करने के लिए तैयार हो जाते हैं जबकि कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनका सहायता करने के लिए एक भी लोग तैयार नहीं होते। ऐसा क्यों होता है ? ऐसा होने का तो बहुत कारण है लेकिन सबसे बड़ा कारण लोगों के प्रति अपना व्यवहार है।
अगर लोगों के प्रति आपका व्यवहार अच्छा है तो मुसीबत के समय बहुत से लोग आपकी सहायता करने के लिए तैयार हो जाएंगे मगर वही लोगों के प्रति आपका व्यवहार खराब है तो एक भी व्यक्ति आपका सहायता नहीं करेगा। अब सवाल यह उठता है कि लोगों प्रति अपना व्यवहार बेहतर कैसे बनाएं ?
लोगों के प्रति व्यवहार को बेहतर बनाने के निम्नलिखित तरीके हैं -
शिष्टाचार सम्बन्धी शब्दों का प्रयोग करें - अगर आप पहली बार किसी व्यक्ति से मिले तो खूब सारी बातें की , दूसरी बार भी मिले तो कुछ बातें की लेकिन बार - बार मिलने से आपके अंदर यह विचार आने लगता है कि अब मैं कौन सी बातें करूँ ? अगर मैं फिर से कही हुई बातों को दुहराता हूँ तो उसे अच्छा नहीं लगेगा। ये बात सही है कि एक ही बात को दुहराने से किसी व्यक्ति के सामने अपनी छवि खराब होती है। बात को दुहराने से अच्छा है सिर्फ शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द कहकर ही चुप हो जाएं। यह प्रक्रिया तब तक अपनाएं जब तक की आपके दिमाग में करने के लिए कोई नई बात न आ जाए। शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द हर व्यक्ति को पसंद आती है और वह शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द है - नमस्कार , क्या हालचाल है , धन्यवाद आदि।
व्यक्ति के मूड के हिसाब से बातें करें - अगर कोई व्यक्ति बहुत दुखी है और अगर उसके सामने आप खूब हंस -हंसकर बातें करेंगे तो उसे बुरा लगेगा और वह आपसे बात नहीं करना चाहेगा। वह सोचेगा की मैं इतना दुखी हूँ फिर भी ये हंसकर बातें कर रहा है। इसलिए बातें शुरू करने से पहले यह जांच ले की सामने वाला व्यक्ति का मूड कैसा है और उसके मूड के हिसाब से ही बातें करें।
वही बातें कहें जो सही हो - कितने लोग ऐसे होते हैं जो लोगों को प्रभावित करने के लिए वास्तविकता से हटकर बातें करते हैं यही की वे झूठ बोलते हैं। इस बात को याद रखें की झूठ बोलने से लोगों के प्रति आपका व्यवहार खराब हो जाता है। इसलिए हमेशा सत्य बातों को बोलने का प्रयत्न करें इससे लोग आपके ऊपर विश्वास करतें हैं और आपसे बात करने में उत्सुकता दिखाते हैं।
सलाह लें - अगर आप कोई कार्य शुरू करने जा रहे हैं और अपने दोस्त से सलाह लिया की जो कार्य मैं करने जा रहा हूँ वो सही है या गलत , फायदेमंद है नुकसानदायक तो आपका व्यवहार आपके दोस्त के प्रति बेहतर होगा क्योंकि आपका दोस्त यह सोचकर खुश होगा कि आप उसे अपना समझते हैं इसलिए उससे सलाह ली।
किसी की बुराई ना करें और न ही मजाक उड़ाएं - हर व्यक्ति से कभी न कभी जाने अनजाने में या जानबूझकर गलती हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति से कुछ गलत कार्य हो जाये तो आप उसका बुराई न करें और नहीं उसका मजाक उड़ाए। ऐसा करने से उस व्यक्ति को दुःख होगा और वह आपसे बातें नहीं करना चाहेगा।
सच्ची तारीफ करें - व्यक्ति को सबसे ज्यादा खुशी तब होती है जब कोई उसका सच्ची तारीफ करता है। अगर आप किसी व्यक्ति की सच्ची तारीफ करेंगे तो वह व्यक्ति आपको बहुत पसंद करेगा।
नाम याद रखें - अगर आप किसी व्यक्ति से बार - बार यह पूछेंगे की आप का नाम क्या है तो वह व्यक्ति अंदर ही अंदर आपसे क्रोधित होगा क्योंकि वह सोचेगा कि मैंने अगली बार तो उसे अपना नाम बताया था। इसलिए व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए लोगों का नाम याद रखना फायदेमंद होता है।
दोस्तों कैसा लगा यह लेख अपने कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। इस लेख से सम्बंधित अगर आप के मन में कोई सवाल चल रहा है तो जरूर पूछें।
धन्यवाद.........
अगर लोगों के प्रति आपका व्यवहार अच्छा है तो मुसीबत के समय बहुत से लोग आपकी सहायता करने के लिए तैयार हो जाएंगे मगर वही लोगों के प्रति आपका व्यवहार खराब है तो एक भी व्यक्ति आपका सहायता नहीं करेगा। अब सवाल यह उठता है कि लोगों प्रति अपना व्यवहार बेहतर कैसे बनाएं ?
लोगों के प्रति व्यवहार को बेहतर बनाने के निम्नलिखित तरीके हैं -
शिष्टाचार सम्बन्धी शब्दों का प्रयोग करें - अगर आप पहली बार किसी व्यक्ति से मिले तो खूब सारी बातें की , दूसरी बार भी मिले तो कुछ बातें की लेकिन बार - बार मिलने से आपके अंदर यह विचार आने लगता है कि अब मैं कौन सी बातें करूँ ? अगर मैं फिर से कही हुई बातों को दुहराता हूँ तो उसे अच्छा नहीं लगेगा। ये बात सही है कि एक ही बात को दुहराने से किसी व्यक्ति के सामने अपनी छवि खराब होती है। बात को दुहराने से अच्छा है सिर्फ शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द कहकर ही चुप हो जाएं। यह प्रक्रिया तब तक अपनाएं जब तक की आपके दिमाग में करने के लिए कोई नई बात न आ जाए। शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द हर व्यक्ति को पसंद आती है और वह शिष्टाचार सम्बन्धी शब्द है - नमस्कार , क्या हालचाल है , धन्यवाद आदि।
व्यक्ति के मूड के हिसाब से बातें करें - अगर कोई व्यक्ति बहुत दुखी है और अगर उसके सामने आप खूब हंस -हंसकर बातें करेंगे तो उसे बुरा लगेगा और वह आपसे बात नहीं करना चाहेगा। वह सोचेगा की मैं इतना दुखी हूँ फिर भी ये हंसकर बातें कर रहा है। इसलिए बातें शुरू करने से पहले यह जांच ले की सामने वाला व्यक्ति का मूड कैसा है और उसके मूड के हिसाब से ही बातें करें।
वही बातें कहें जो सही हो - कितने लोग ऐसे होते हैं जो लोगों को प्रभावित करने के लिए वास्तविकता से हटकर बातें करते हैं यही की वे झूठ बोलते हैं। इस बात को याद रखें की झूठ बोलने से लोगों के प्रति आपका व्यवहार खराब हो जाता है। इसलिए हमेशा सत्य बातों को बोलने का प्रयत्न करें इससे लोग आपके ऊपर विश्वास करतें हैं और आपसे बात करने में उत्सुकता दिखाते हैं।
सलाह लें - अगर आप कोई कार्य शुरू करने जा रहे हैं और अपने दोस्त से सलाह लिया की जो कार्य मैं करने जा रहा हूँ वो सही है या गलत , फायदेमंद है नुकसानदायक तो आपका व्यवहार आपके दोस्त के प्रति बेहतर होगा क्योंकि आपका दोस्त यह सोचकर खुश होगा कि आप उसे अपना समझते हैं इसलिए उससे सलाह ली।
किसी की बुराई ना करें और न ही मजाक उड़ाएं - हर व्यक्ति से कभी न कभी जाने अनजाने में या जानबूझकर गलती हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति से कुछ गलत कार्य हो जाये तो आप उसका बुराई न करें और नहीं उसका मजाक उड़ाए। ऐसा करने से उस व्यक्ति को दुःख होगा और वह आपसे बातें नहीं करना चाहेगा।
सच्ची तारीफ करें - व्यक्ति को सबसे ज्यादा खुशी तब होती है जब कोई उसका सच्ची तारीफ करता है। अगर आप किसी व्यक्ति की सच्ची तारीफ करेंगे तो वह व्यक्ति आपको बहुत पसंद करेगा।
नाम याद रखें - अगर आप किसी व्यक्ति से बार - बार यह पूछेंगे की आप का नाम क्या है तो वह व्यक्ति अंदर ही अंदर आपसे क्रोधित होगा क्योंकि वह सोचेगा कि मैंने अगली बार तो उसे अपना नाम बताया था। इसलिए व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए लोगों का नाम याद रखना फायदेमंद होता है।
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