शनिवार, 22 जून 2024

गदहों के जैसे खटते हैं ये

 सोचने का जिसको ढंग नहीं है

वो किसी कीड़े मकोड़ों से कम नहीं है

गदहों के जैसे खटते हैं ये

फिर भी इनको गम नहीं है

सोचने का ढंग जान जाओगे

समझो लीडर बन जाओगे

इसको कर पाना आसान नहीं है

बार बार कोशिश करने से कर पाओगे

नौकर बनकर नहीं जीना है

दारू शराब नहीं पीना है

सोचने के तरीके को ढूढ़ लेंगे

ऐसा प्रण हमको लेना है

रोक ले किसी में दम नहीं है

हम किसी से कम नहीं हैं

गदहों के जैसे खटते हैं ये

फिर भी इनको गम नहीं है




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