मंगलवार, 12 सितंबर 2017

एकाग्रता कैसे बढ़ाएं

दोस्तों बहुत प्रयत्न करने के बावजूद भी अगर आपका मन एकाग्र नहीं हो रहा है तो इस लेख को जरूर पढ़े। मुझे पूरा विश्वास है की इसको पढ़ने के बाद आप अपने मन को एकाग्र कर सकेंगे।

एकाग्रता क्यों जरुरी है - जब तक मन एकाग्र नहीं होगा तब तक सफलता प्राप्त करना मुश्किल है। एकाग्रता  के बिना दिमाग में तनाव , उत्साह की कमी , अशांति आदि मुश्किलें आपका पीछा नहीं छोड़ेगी। इसलिए अगर आप इन सभी मुश्किलों से छुटकारा पाना चाहते हैं या सफल होना चाहते हैं तो दिमाग को एकाग्र करना सीखें।
मन को एकाग्र करने के निम्नलिखित उपाय हैं।
सोचने का या कार्य करने का आधार बनाएं - सबसे पहले हमें सोचने का या कार्य करने का तरीका मालूम होना चाहिए। जब हम स्वयं से यह प्रश्न करते  हैं की किसी कार्य को कैसे सुलझाएं या कैसे सोचें तो बदले में जो संतोषजनक जवाब मिलता है वही हमारे सोचने का या कार्य करने का आधार होता है।
क्या मुद्दा है , क्या निष्कर्ष निकालना है - हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमारा मुद्दा क्या है और हम क्या निष्कर्ष निकालना चाहते हैं। जैसे हमारा मुद्दा है एकाग्रता और हम यह निष्कर्ष निकालना चाहते हैं की एकाग्रता कैसे बढ़ाये।
कुछ ऐसे विचार चुनकर रखें जिसको दुहराने पर आपका दिमाग तरोताजा हो जाए - जब भी आपका मन आपके कार्य या मुद्दे से हटने लगे या ऊब जाए तो कुछ ऐसे विचारों को पहले से ही सोचकर रखें जिसको दुहराने पर आपका दिमाग उत्साहित व तरोताजा हो जाए। जैसे मैं जब भी इस विचार को दुहराता हूँ कि "दुनिया के सारे लोग भगवान के रूप हैं और मैं उनका सेवक" तो मेरे अंदर उत्साह आ जाता है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
समय के महत्व समझें - एक कहावत है "अब पछताए होय क्या जब चिड़िया चुग गई खेत"। दोस्तों जब समय चला जाता है तो वह दुबारा लौटकर नहीं आता। इसलिए कोई भी कार्य समय रहते पूरा कर लेना चाहिए। जब कार्य समय पर पूरा हो जाता है तो मन को बहुत सुकून मिलता है जिससे  मन की एकाग्रता बढ़ती है।
चिंता न करें चिंतन करें - जब व्यक्ति के ऊपर कोई समस्या आती है तो वह बहुत ज्यादा चिंतित हो जाता है। चिंता करना समस्या का हल नहीं है बल्कि चिंतन के माध्यम से उस समस्या का हल खोजना ही समझदारी है।
शांत माहौल का चुनाव करें - मन की एकाग्रता के लिए शांत माहौल बहुत जरुरी है। शांत माहौल में मन बहुत देर तक एकाग्र रहता है।
भरपूर नींद लें - हर व्यक्ति का नींद पूरा करने का तरीका अलग होता है। कोई व्यक्ति समय से सोता है और समय से जागता है तो उसकी नींद पूरी हो जाती है तथा कुछ व्यक्ति जब पूरी तरह से नींद लगती है तब सोता है तथा सुबह समय से जाग जाता है। आपको अपने कार्य या स्वास्थ्य के हिसाब से जिस तरीके से नींद  पूरा हो जाए वही अपनाएं।
पौष्टिक भोजन खाएं - जब तक शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा तब तक आपका दिमाग एकाग्र नहीं हो पाएगा। अतः अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए पौष्टिक भोजन का ही उपभोग करें।
कार्य के हिसाब से अपने शरीर या  दिमाग को थोड़ा आराम दें - अपने काम के हिसाब से दो मिनट , पांच मिनट या दस मिनट आराम करने से आप का दिमाग तरोताजा हो जाता है।
किसी भी कार्य को ध्यान लगाकर तथा निडर होकर करें - हमें अपने कार्य को ध्यान लगाकर तथा निडर होकर करनी चाहिए।
सकारात्मक सोच रखें - अपने दिमाग में यह विचार कभी न आने दें कि यह कार्य मुझसे नहीं होगा बल्कि यह सोचें की अगर व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
दोस्तों कैसा लगा  यह लेख  अपने कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
                                                                                                     धन्यवाद.....

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