क्रोध की परिभाषा - अपनी इच्छाओं के फलस्वरूप कोई कार्य ना होने पर जो तीव्र भाव उत्पन होते हैं उसे क्रोध कहते हैं।
उदाहरण - यदि कोई व्यक्ति चाहता है की उसका लड़का मन लगाकर पढ़े परन्तु वह लड़का पढाई पर ध्यान ना देकर ज्यादा घूमता है। लड़के को घूमते देखकर व्यक्ति के भाव तीव्र हो जाता है इसी तीव्र भाव को क्रोध कहते हैं।
उदाहरण - यदि कोई व्यक्ति चाहता है की उसका लड़का मन लगाकर पढ़े परन्तु वह लड़का पढाई पर ध्यान ना देकर ज्यादा घूमता है। लड़के को घूमते देखकर व्यक्ति के भाव तीव्र हो जाता है इसी तीव्र भाव को क्रोध कहते हैं।
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