धैर्य की परिभाषा - जब व्यक्ति विपरीत स्थिति में भी अपना हिम्मत नहीं हारता तो इसे धैर्य कहते हैं।
यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी में नया हैऔर उसे अनुभव कम है , जब उससे गलती होती है तो कंपनी का मालिक उसे डाँटने लगता है जिससे वह क्रोधित होकर कंपनी छोड़ देता है फिर वह दूसरे कंपनी में जाता है और वहां भी ऐसे ही करता है , तीसरे , चौथे , पांचवें हर जगह ऐसा ही करता है तो हम कहेंगे की इस व्यक्ति के अंदर धैर्य नहीं है क्योंकि उसके सामने थोड़ा सा विपरीत स्थिति मालिक के डाँटने की आई तो वह अपना हिम्मत खो बैठता है।
ऐसे भी लोग होते है जब ठान लेते हैं की हमें यह कार्य पूरा करना है तो चाहे कितनी भी समस्या क्यों न आए चाहे वह मालिक के डांटने की हो या धन दौलत की वह हिम्मत नहीं हारता और अपने कार्य में लगा रहता है तो ऐसे व्यक्ति को कहते हैं की इसके अंदर धैर्य है।
यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी में नया हैऔर उसे अनुभव कम है , जब उससे गलती होती है तो कंपनी का मालिक उसे डाँटने लगता है जिससे वह क्रोधित होकर कंपनी छोड़ देता है फिर वह दूसरे कंपनी में जाता है और वहां भी ऐसे ही करता है , तीसरे , चौथे , पांचवें हर जगह ऐसा ही करता है तो हम कहेंगे की इस व्यक्ति के अंदर धैर्य नहीं है क्योंकि उसके सामने थोड़ा सा विपरीत स्थिति मालिक के डाँटने की आई तो वह अपना हिम्मत खो बैठता है।
ऐसे भी लोग होते है जब ठान लेते हैं की हमें यह कार्य पूरा करना है तो चाहे कितनी भी समस्या क्यों न आए चाहे वह मालिक के डांटने की हो या धन दौलत की वह हिम्मत नहीं हारता और अपने कार्य में लगा रहता है तो ऐसे व्यक्ति को कहते हैं की इसके अंदर धैर्य है।
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