सकारात्मक सोच की परिभाषा - जब व्यक्ति किसी मुद्दा के सकारात्मक पहलू के बारे में सोचता है तो इसे सकारात्मक सोच कहते हैं।
उदहारण - किसी विद्यालय में अध्यापक ने बच्चों का हिंदी विषय पर परीक्षा लिए। इसमें से कुछ बच्चें पास हो गए तथा कुछ बच्चे फेल। फेल होने वाले बच्चों में दो सोच के बच्चें होंगे। पहला यह सोचेंगे की की मेरे अंदर जरूर कुछ कमी रही होगी जिसके चलते मैं फेल गया और वह अपनी कमी ढूढ़कर फिर से कड़ी मेहनत करने लगते हैं। दूसरा सोच वाले बच्चें अपने फेल होने की वजह दूसरों को बताते हैं और उन्हें अपने फेल होने का थोड़ा भी अफसोस नहीं होता। अतः पहले वाले बच्चों का सोच सकारात्मक कहलायेगा तथा दूसरे वाले बच्चों का सोच नकारात्मक कहलाएगा।
उदहारण - किसी विद्यालय में अध्यापक ने बच्चों का हिंदी विषय पर परीक्षा लिए। इसमें से कुछ बच्चें पास हो गए तथा कुछ बच्चे फेल। फेल होने वाले बच्चों में दो सोच के बच्चें होंगे। पहला यह सोचेंगे की की मेरे अंदर जरूर कुछ कमी रही होगी जिसके चलते मैं फेल गया और वह अपनी कमी ढूढ़कर फिर से कड़ी मेहनत करने लगते हैं। दूसरा सोच वाले बच्चें अपने फेल होने की वजह दूसरों को बताते हैं और उन्हें अपने फेल होने का थोड़ा भी अफसोस नहीं होता। अतः पहले वाले बच्चों का सोच सकारात्मक कहलायेगा तथा दूसरे वाले बच्चों का सोच नकारात्मक कहलाएगा।
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