बुधवार, 30 मई 2018

जिंदगी एक जंग है

फूलोंं का चोट भी जिनको बर्दाश्त नहीं होती ,
उनको भी काँटो से होकर गुजरना ही पड़ता है ।
जिंदगी एक जंग है लड़ना ही पड़ता है ,
न चाहते हुए भी बदलना ही पड़ता है ।
खुशी भी फीका लगती है जब अपने रुठे होंं ,
वो बड़ा मुकाम भी छूट जाता है जब अपने भूखे होंं ।
अपनोंं के खुशियों व सुकून के लिए ,
अपने सपनों को मोड़ना ही पड़ता है ।
जिंदगी एक जंग है लड़ना ही पड़ता है ,
न चाहते हुए भी बदलना ही पड़ता है ।
जब बात - बात पर रूठ जाते थे तो माँ मुझे मनाती थी ,
अपनी आँचल की छावों में अपने हाथों से भोजन खिलाती थी ।
अब तो सौ बातों को सुनकर भी ,
खुद को संभालना ही पड़ता है ।
जिंदगी एक जंग है लड़ना ही पड़ता है ,
न चाहते हुए भी बदलना ही पड़ता है ।
ऐसे भी लोग है दुनिया में जो दूसरों के हक पर अपना रौब जमाते हैं ,
अपने शक्ति का दुरुपयोग कर निर्बल को नीचा दिखाते है ।
कुदरत के कानून के आगे ,
सबको सिर झुकाना ही पड़ता है ।
जिंदगी एक जंग है लड़ना ही पड़ता है ,
न चाहते हुए भी बदलना ही पड़ता है ।
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                                            धन्यवाद.......

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