कहानी , उपन्यास , संस्मरण आदि की बात की जाए तो सबसे पहले मुंशी प्रेमचंद का नाम आता है । इनके लेख बहुत ही आकर्षक व मनमोहक हैं । इस लेख में मुंशी प्रेमचंद के 11 विचार बताएं गए हैं ।
1. हमारा सबसे पहला धर्म आत्मसम्मान की रक्षा करना है ।
2. चाहे कितना भी मुसीबत क्यों न आए तब भी अपने कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि कर्तव्य पालन में ही मन को शांति मिलती है ।
3. निराशा संभव को भी असंभव बना देती है ।
4. कार्य में कुशल व्यक्ति की हर जगह जरुरत पड़ती है ।
5. दुनिया में मुसीबत से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय नहीं है ।
6. जीवन का सबसे बड़ा सुख दूसरों को सुखी करने में है न की उन्हें लूटने में ।
7. सोने और खाने का नाम जीवन नहीं है बल्कि जीवन नाम है लगन के साथ आगे बढ़ने का ।
8. मुसीबत में ही धैर्य और धर्म की परीक्षा होती है ।
9. यश त्याग से मिलता है , धोखाधड़ी से नहीं ।
10. सफलता में दोषों को मिटाने की अद्भुत शक्ति होती है ।
11. क्रोध में व्यक्ति अपने मन की बात नहीं कहता बल्कि वह सिर्फ दूसरों का दिल दुखाना चाहता है ।
मुंशी प्रेमचंद के ये विचार आपको कैसा लगा , अपने कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं ।
धन्यवाद.......
1. हमारा सबसे पहला धर्म आत्मसम्मान की रक्षा करना है ।
2. चाहे कितना भी मुसीबत क्यों न आए तब भी अपने कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि कर्तव्य पालन में ही मन को शांति मिलती है ।
3. निराशा संभव को भी असंभव बना देती है ।
4. कार्य में कुशल व्यक्ति की हर जगह जरुरत पड़ती है ।
5. दुनिया में मुसीबत से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय नहीं है ।
6. जीवन का सबसे बड़ा सुख दूसरों को सुखी करने में है न की उन्हें लूटने में ।
7. सोने और खाने का नाम जीवन नहीं है बल्कि जीवन नाम है लगन के साथ आगे बढ़ने का ।
8. मुसीबत में ही धैर्य और धर्म की परीक्षा होती है ।
9. यश त्याग से मिलता है , धोखाधड़ी से नहीं ।
10. सफलता में दोषों को मिटाने की अद्भुत शक्ति होती है ।
11. क्रोध में व्यक्ति अपने मन की बात नहीं कहता बल्कि वह सिर्फ दूसरों का दिल दुखाना चाहता है ।
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